फिल्मी दुनिया चटपटी गपशप (एपिसोड - 02)

कला क्षेत्र कार्यक्रम : गपशप विथ मनीष



आज की गपशप जाने जाने माने स्टार गायक "राजीव तोमर ", से हमारे संवाददाता शंभू कुमार झा की खास मुलाकात के कुछ अंश.....

बिहारी न्यूज़ संवाददाता - शंभू कुमार झा की पेशकश....

दिल ने आवाज दी है चले आइएगा........  , मन मेरा राम सिया गाए .......,।  मां तू मुझे दर्शन दे......
मेरी झोली भर दे मां.........,।  नाचो रे नाचो.....    ।  मां मैं हो गया निहाल.......     जैसे गजल और गाना गाकर अपना सु मधुर आवाज बिखेर चुके सुप्रसिद्ध गायक राजीव तोमर जी को कई अवार्ड से सम्मानित भी किया जा चुका है।

   

जाने माने सुप्रसिद्ध गायक जिन्होंने अपने आवाज की जादू से संगीत के दीवानों पर अपनी कला का विशेष प्रभाव दिखाकर, हमें सु मधुर आवाज देकर ,अपनी एक अलग पहचान बनाई , यू कहे तो राजीव तोमर जी अपने एक विशेष आवाज के लिए जाने जाते हैं , खासकर वह गजल  के क्षेत्र में अपना किस्मत आजमा चुके हैं, और सफलतापूर्वक यूपी बिहार और झारखंड की धरती पर और अन्य राज्यों की धरती पर भी कई कार्यक्रमों को सुशोभित कर चुके हैं। राजीव तोमर जी ने अपनी बातचीत में हमारे संवाददाता शंभू कुमार झा से बातचीत में बताया कि , "मैं अपना आदर्श अनूप जलोटा जी को मानता हूं जिनसे मैंने बहुत कुछ प्रेरणा ली है ,और बहुत कुछ सीखने का अवसर प्राप्त हुआ है तो शुरू करते हैं उनकी जीवन रेखा पर आधारित बातचीत के अंश.....

:- पहला सवाल राजीव तोमर जी आपसे यह है कि आप संगीत में रुचि कब से रखने लगे और किस तरीके से आप इस लाइन में आगे बढ़े?

: सबसे पहले मैं बिहारी न्यूज़ देखने वाले सुनने वाले और पढ़ने वाले सभी दर्शकों को तथा मुझे चाहने वाले सभी दर्शकों को प्यार भरा नमस्कार करना चाहूंगा और बताना चाहूंगा कि जहां तक संगीत की बात है तो यह रूचि मेरे अंदर बचपन से थी जब मैं पढ़ाई करता था उस समय स्कूलों में भी मैं पढ़ाई में तो अव्वल था ही साथ ही संगीत में सबसे ज्यादा रुचि रहते थे स्कूल में गायन के क्षेत्र में हमेशा बढ़-चढ़कर हिस्सा लेता था और आगे रहता था तो इसी तरह से जब मैं अपना कैरियर सुनना चाहा तो मुझे संगीत से ज्यादा बेहतर कुछ लगता ही नहीं था इसमें काफी रुचि रहती थी और इसी तरीके से मैं इसमें अपना कदम रखा और आगे बढ़ने की कोशिश की।

:- राजीव तोमर जी आप कुछ अपने जिंदगी के बारे में तथा आपका जन्म भूमि और कब जन्म हुआ इस बारे में कुछ बताएं?
: जरुर शंभू जी मेरा जन्म 1 मार्च 1977 को इटहरी नाम के गांव में हुआ, अपनी जन्मभूमि  जहां मैं बचपन की पढ़ाई प्राइमरी 4 क्लास तक की पढ़ाई वही किया उसके बाद में मैं सिंघेश्वर आ गया और पांचवी से दसवीं तक की पढ़ाई सिंघेश्वर में ही रहकर की और दसवीं के बाद में मैं संगीत की शिक्षा भी लेना प्रारंभ कर दिया मुझे याद है जब मैं दसवीं क्लास में था तो उस समय में म्यूजिक जब सीखता था महेश्वर से तो मैं दसवीं में म्यूजिक को ही सबसे बेसिक चीज में चुना था और मुझे सबसे ज्यादा मार्क भी म्यूजिक में ही मिला था तो इसी तरह से मुझे लगा के म्यूजिक में ही आगे बढ़ना चाहिए जो कला मेरे अंदर थी उसे ही निकालना चाहिए तो मैंने वही किया
इंटरमीडिएट मैंने पटना यूनिवर्सिटी से किया फिर मैंने म्यूजिक चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी से किया वहां से m.a. किया और हमारे गुरुजी श्री संजीव कुमार यादव जी और श्री पंडित श्री शैलेंद्र सिंह उन लोगों से मैंने शिक्षा ली और सबसे ज्यादा रुचि थी मुझे भजन में खास करके मैं भजन में सबसे ज्यादा रुचि रखता था
:- अगला सवाल राजीव जी ऐसा माना जाता है कि आप अनूप जलोटा जी को अपना आदर्श मानते हैं और बहुत कुछ उनसे आपने सीखा तो उनके बारे में कुछ बताएं कि उनको आप किस तरीके से आदर्श मानते थे?

: जरुर शंभू जी क्यों नहीं तो मैं बचपन से अनूप जलोटा जी का भजन जो उनका गायन क्षेत्र में इतना प्रसिद्ध ही था उनकी आवाज से हमेशा मुझे हमेशा प्रेरणा मिलते थे और इस तरह से वह मेरे आदर्श थे और मैंने बहुत सारे उनके भजन को सुना उनके गाने को गाया और लगभग में अभी भी हर प्रोग्रामों में उनके भजन को सुनता हूं और उनके ही भजन को गाता हूं अगर सबसे ज्यादा मैं किसी का भजन गाता हूं तो वह है अनूप जलोटा जी।

:-दूसरा सवाल राजीव जी आप आए दिन ज्यादातर प्रोग्रामों में बिजी रहते हैं तो अभी तक लगभग आपने कितने प्रोग्राम किए होंगे और कहां कहां की है?

: जी शंभू जी जहां तक प्रोग्राम की बात है तो मैंने अभी तक लगभग 500 प्रोग्राम से ऊपर किए हैं और लगभग हर प्रोग्राम में मैं अनूप जलोटा जी का गाना जरूर गाता हूं और पटना में रांची में बिहार के कई जिलों में जैसे सुपौल सहरसा मधेपुरा में तो लगभग हमेशा प्रोग्राम होता है मेरा और यूपी झारखंड चंडीगढ़ जैसे कई स्थान पर मैंने प्रोग्राम किया है और पटना के गोलघर साइंस सेंटर जैसे जगहों पर मुझे सम्मानित भी किया गया और कई अवार्ड भी मिले हुए हैं। खुशी के लगभग तमाम शहर में मेरा कार्यक्रम होता रहता है और मैंने 2017 में कोशी महोत्सव में भी भाग लिया मुझे वहां पुरस्कृत किया गया उसके बाद सिंघेश्वर महोत्सव में भाग लिया लगातार यहां 3 दिन प्रोग्राम किया गया और पुरस्कृत यहां भी किया गया महोत्सव मोकामा में भी बुलाया गया फिर वहां भी मुझे गाने का मौका मिला और वहां भी पुरस्कृत किया गया और इस तरह से लगभग चलता रहा।

:- अगला सवाल राजीव जी की आप जो संगीत के क्षेत्र में बदलते क्षेत्र में एल्बम की शुरुआत कब से की आपने?

: सबसे पहले 2009 में मैंने  शुरुआत की जहां से  एक भजन के लिए मैंने सिंघेश्वर के कृष्णा म्यूजिक एंड मूवीस जिनके सुप्रीमो है शंभू साधारण जी जो कि अभी कोसी के सबसे अग्रणी म्यूजिक कंपनी है ,जहां फिल्मी बनते हैं और गाने भी बनते हैं एल्बम्स भी रिकॉर्ड होते हैं और अच्छे-अच्छे कलाकार यहां आकर अपना गाना बनाते हैं तो उस स्टूडियो से पहली बार एक एल्बम किया था हमारे रोशन भैया भी थे उसमें रोशन कुमार सिंह वह भी गीत लिखते हैं और गाते हैं और अभिनय भी करते हैं उनके साथ एक एल्बम किया ज्योत जले तेरे द्वार तो वह मेरा पहला एक्सपीरियंस था स्टूडियो के द्वारा तो उससे पहले मैंने एक काम किया था वेब म्यूजिक से वहां मेरा रिलीज हुआ था लेकिन वह बहुत ज्यादा सफल हुआ और एक फिल्म में कथा सिंघेश्वर धाम की जिसमें मुझे गाने गाने का मौका मिला अवसर मिला उसका प्लेबैक सिंगिंग मैंने किया था और फिर महादेव तेरी शक्ति अपार सॉन्ग कृष्णा म्यूजिक के बैनर तले बनी थी राजेश जयसवाल जी का एक गजल को मैंने कंपोजीशन किया साइट पर मैंने रिलीज किया फिर एक चीज दिल ने आवाज दी है चले आइए कृष्णा म्यूजिक से रिलीज हुआ और राम भजन तू सुन ले यह भी मैंने कृष्णा म्यूजिक एंड मूवी से किया जो काफी सफल रहा और म्यूजिक संभू साधारण जी से मिली कृष्णा म्यूजिक के द्वारा और यह मेरी कंपोजीशन थी इसी तरह चलता रहा। बाद में मैंने कुछ गाने वेब से भी रिलीज़ करवाएं 2015 में वहां से भी कुछ मौका मिला लेकिन ज्यादातर काम कृष्णा म्यूजिक से ही हुआ और यहीं से मुझे सफलता भी मिली और लगातार में अपनी मंजिल की ओर अग्रसर रहा।

:- दिल ने आवाज दी है गजल युवा वर्ग को काफी प्रेरित किया अच्छा लगा और आपकी आने वाली कौन सी सॉन्ग है?

: अगला गाना मेरा ए दिल संभल जा जरा जो शंभू जी के द्वारा फिर से म्यूजिक तैयार किया जा रहा है और इसकी रिकॉर्डिंग हो रही है जिनकी गीतकार शंभू साधारण जी खुद हैं और म्यूजिक भी उन्होंने खुद दिया है यह रिकॉर्डिंग चल रही है और मैं बहुत जल्द इस गाने को पब्लिक के सामने पड़ोस ने कि कोशिश करूंगा।

:-
आपके आने वाले गाने के लिए बहुत-बहुत शुभकामनाएं अब  बिहारी न्यूज़ के पाठकों और अपने दर्शकों को क्या कहना चाहेंगे?

: बिहारी न्यूज़  के पाठकों को सबसे पहले दिल से कोटि कोटि नमन और प्रणाम जिन्होंने मुझे इस लायक समझा और अपना कीमती समय देकर मुझे अपनी बात कहने का 2 मिनट समय दिया उनका सम्मान आदर करता हूं और मैं यही कहना चाहूंगा कि यह बिहारी न्यूज़ जो न्यूज़ वास्तव में है उनको काफी जगह मिलना चाहिए और दे रहे हैं और मैं चाहूंगा कि बहुत जल्दी या पूरे बिहार में बहुत बड़ी उपलब्धि प्राप्त करें और घर-घर में इसे पढ़ा जाए यह मेरी शुभकामना है, और अपने दर्शकों से कहना चाहूंगा कि जितना प्यार आशीर्वाद आप ने हमें दिया है वही आशीर्वाद मेरे ऊपर बनाए रखें और सभी को नमस्कार और सरस्वती पूजा और होली की बहुत-बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं।